अच्छे लोग और उनका संघर्ष

                                  अच्छे लोग और उनका संघर्ष 
                                                                      - ना.रा.खराद
    अच्छे लोगों का जीवन संघर्षों से भरा होता है, क्योंकि उन्हें बुराई के खिलाफ लड़ना होता हैं।बूरे लोग अच्छे लोगों को अपने दुश्मन मानते आएं हैं, चूंकि बूरे लोग संख्या में कम होते हुए भी, उनके खिलाफ लड़ने की हिम्मत अधिकतर अच्छे लोगों में नहीं होती, क्योंकि बूरे लोग ताकतवर होते हैं, बूरे सही मगर साहसी। बिना साहस
के कोई बूरा काम नहीं किया जा सकता।इन लोगों के खिलाफ वहीं लड़ने में सक्षम है,जो अच्छा होने के साथ ताकतवर हो, साहसी हो, ज्ञानी हो।
  अन्याय, अत्याचार, शोषण, इसका जिसने भी विरोध किया, उसे सताया गया, क्योंकि इससे उन लोगों का अहित होता हैं,जो बुराई के रास्ते पर चल रहे हैं। अच्छे लोगों का संघर्ष मानवता के लिए होता है,न्याय दिलाना होता है।
विश्वभर में अच्छे लोगों की दुर्दशा देखने को मिलती हैं, जिन्होंने औरों की यातनाओं को कम करना चाहा, उन्हीं के
साथ बदतमीजी की गई, उन्हें यातनाएं दी गईं।
   अच्छे लोगों का संघर्ष हर कहीं शुरू हैं, क्योंकि जहां लोग हैं, वहां अच्छे और बुरे दोनों तरह के लोग विद्यमान रहते हैं।इन दो प्रवृत्तियों के बीच संघर्ष स्वाभाविक है। अच्छे लोग अपनी अच्छाई के बूते लड़ते हैं, संघर्ष करते हैं। दुनिया के करीब सभी देशों में यह द्वंद चलता है। छोटे-छोटे संस्थानों में भी यह संघर्ष देखने में आता है।
अच्छे लोग अपने इरादों पर अडिग रहते हैं, कोई समझौता नहीं करते। इससे बुरे लोग बौखला जाते हैं,और हर तरह के हथकंडे से उसे परेशान करते हैं, इसलिए अच्छे आदमी के हिस्से में अक्सर परेशानी और संघर्ष आता है।
 अच्छे लोग नीतियों के रास्ते चलते हैं,इस धरती पर जो थोड़ी बहुत अच्छाई जो दिखाई देती हैं,वो इन्हीं लोगों की बदौलत दिखाई देती है, वर्ना हर तरफ अत्याचार होता, जुल्म, शोषण होता, कोई किसी का नहीं होता, जिसमें ताकत उसका सब होता, मगर अच्छे लोगों ने ऐसा होने से मानवजाति को बचा लिया है।
   अच्छे लोग अगर अच्छाई का पक्ष न ले,तो बुराई हावी हो जाएगी, फिर चारों तरफ मानवता दम तोड़ती नजर आएंगी। यातनाएं सहकर भी जिन्होंने अपनी अच्छाई नहीं छोड़ी, कोई समझौता नहीं किया, उन्हीं लोगों त्याग और बलिदान से बुराई खत्म हुई हैं अथवा कमजोर पड़ी है।
अच्छे लोग सच्चे लोग होते हैं,जो झूठ के खिलाफ जंग में उतरते हैं, झूठ की हार भी अपने आप नहीं होती, उसे हराने के सच्चे सपूत चाहिए।

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