लुभाने की कला में निपुण व्यक्ति कारोबारी होता है।

                                              लुभाने की कला
                                                                        - ना.रा.खराद
इन्सान की सफलता के पीछे उसकी लुभाने की कला का योग सबसे ज्यादा होता है, इसके बिना कोई भी व्यक्ति कुछ भी हासिल नहीं कर सकता। मोहित या आकर्षित करने की कला यानी लुभाने की कला!
हरकोई हर कहीं इसका प्रयोग कर रहा है, चूंकि कोई इससे वाकिफ नहीं हैं कि वह लुभाने काम कर रहा है, क्योंकि कोई चोला पहनकर, मुखौटा लगाकर इसे अंजाम दिया जाता है।
 लुभाने की कला से व्यक्ति औरों की कृपा या आशिर्वाद पाता है, वर्ना कौन किसको पुछता है। लुभाने के हजारों लाखों तौर-तरीके है, उनमें से एक भी अवगत हो तो आदमी सफलता की सीढ़ी चढ़ सकता है।
इस कला में माहिर लोग तरक्की कर सकते हैं,अन्य नहीं, चूंकि यह मोह माया की दुनिया है, यहां कुछ मिलता है,तब कुछ देने को लोग राजी होते हैं।
 यहां सिर्फ तवायफें नृत्य से आशिकों को ऐंठती ऐसी कोई बात नहीं,हर कामयाब व्यक्ति इसी तरह से उल्लु
सिधा करता है। जिससे कुछ पाना है, उसे लुभाना, मोहित करना, सफलता का गुर है। लड़की मोहित करें तो लड़का उसे पसंद करता है, लड़के के नौकरी आकर्षित करें,उसका धन आकर्षित करें तो कन्यादान होता है। सौंदर्य या सजावट भी लुभाने के लिए है, लुभाएं बिना कोई झांसे में आता नहीं। लड़केवाले भी अपनी दौलत का बखान या प्रदर्शन करके लड़कीवालों को लुभाते हैं,या लड़कों के गुण बताकर लुभाते हैं।
  यहां हर बिक्रेता,व्यापारी, सौदागर, दुकानदार अपने तरीकों से लुभाता है,सारे विज्ञापन लुभाने के लिए होते हैं। राजनीति में भी इस कला का पुरजोर तरीके से इस्तेमाल होता है। प्रचार में लुभावने वादे करके ही
मतदाताओं को मोहित या आकर्षित किया जाता है।जो इस काम में जितना कुशल सफलता उसके कदम छुती है।उल्लू सीधा करना हो,तो उल्लू बनाना पड़ता है।
प्रकृति भी इन्सान को लुभाती है। पशु-पक्षी भी लुभाते हैं।सभी नजारें लुभाते हैं। सजावट का हर सामान लुभाने के लिए है।
 छोटे मोटे रेहड़ी या ठेलेवाले भी लुभाने की कला से अपना पेट भरते हैं, लोग उनकी चीज़ों को औने-पौने दामों में खरीद लेते हैं,पांच सौ की चीजें हजार में बेचनी हो तो लुभाने की कला कारगर है। कोई गायक गाकर श्रोताओं को मोहित करता है,तभी उसकी झोली में सिक्कों की बौछार होती है, लोग अगर मोहित न
हो तो कोई कमाई न होगी।
 दुनिया एक मोह का बाजार है, यहां वहीं बिकता है,जो खरीदारों को आकर्षित करें, उन्हें मोहित करें या
लुभाएं। भिखारी भी लोगों के मन में अपनी पीड़ा का प्रदर्शन करके आकर्षण पैदा करता है, उसे लुभाता है,
तब कहीं दो पैसे मिल पातें है। बड़े बड़े स्वागत सत्कार किसलिए है, ताकि वह मोहित हो जाएं, मोहित करना यानी लुभाना।
    लुभाने की कला कामयाबी हासिल करने का कारगर रास्ता है, जिसे हरकोई अपने तरीकों से अपनाता है।
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