नकल

                    नकल
                           - ना.रा. खराद
आजकल नकल तेजी में है।हर चीज की नकल हो रही हैं। यहां असली बाजार में आते ही नकली उससे ज्यादा छा जाता है। फिर तय करना मुश्किल हो जाता है कि असली क्या और नकली करता? इस देश में नकली नोट तो आम बातहै। असली नोट तो केवल नकली बनाने के लिए नमूना है। लोगों को क्या,जो बाजार में चले वो असली।
नकली बांड पेपर पर हजारों लेन-देन हुए। उनमें अधिकांश नकली थे। लाखों लोगों ने नकली यानि फर्जि डिग्री छपवाकर असली नौकरी पाई है।हमारे देश के हिरो नकली है।
अभिनय करना नकल ही तो है। असली राम
से ज्यादा तो सिरियल के राम पूजे गए।
देश में नकली साधू संतो की भरमार है।चंद असली क्या हुए, नकली साधूओं की एक जमात पैदा हुए।अब तो विरासत में नकल ही मिल रही है। ओरिजनल के जितने चाहे झेराक्स निकालो। नकल केवल कागजों की
नहीं होती। इन्सान की भी होती है। हमारे
आदर्शों की हम नकल करते हैं।आज भी बच्चों से लेकर बूढ़ों तक रामलीला करते हैं। हम ,हम कम नकल अधिक है।
आदमी पक्षीयों की आवाजें निकाल रहा हैं,तोते आदमी की बोली बोल रहा है। भेड़,बंदर एक-दूसरे की नकल से काम चला रहा है।
नकल का बाजार गर्म है।हाथ सेंक लो।अब आदमी को भी टटोलकर देखना पड़ता है,असली है कि नकली? देश में जितने स्मारक खड़े हैं,वे नकल है।भारत नकली का
समर्थक देश है। यहां की व्यवस्था नकली है।
यहां मृतक भी मतदान करते हैं। यहां के नेताओं के वादे नकली है। 
आदमी हंसता नकली है,रोता भी नकली है।
ढोंग , दिखावा जैसे हमारी पहचान बनी है।
आदमी के बाल,दांत,हंसी नकली है। यहां
आदमी से ज्यादा पूतलों की देखभाल की जाती है।हम हु-ब-हू नकल कर सकते हैं।
शक्ल भी नकली है। यहां एक असली चले, हजारों नकली साथ चलने लगते है। नकल असल को मात दे रही है, चूंकि यहां लोकतंत्र है,लोग जो चाहें और जिसे चाहें , उसीकी तूती बोलती है।नकलखाने में तूती की
आवाज कौन सुनता है? नकल की योग्यता ही
असली योग्यता है।नकल बस अपने नाम से
खपवा दो। दूसरों का अपने नाम से बिक्री हो,नकल की यही कहानी है।
असली संत तो अब बचे नहीं, यहां जो भी असली था,वह इतिहास की बात है।अब तो केवल उन्हीं की नकल है।असली होता तो नकली कौन लाता? अब नकल में भी स्पर्धा हैं।अमीर सादगी की नकल कर रहे हैं। बदमाश शराफत की नकल कर रहे हैं। पाखंडी बाबाओं की नकल से तो देश परेशान है। सालों तक अपनी नकल से ठगते आ रहे हैं। भक्त भी कहां असली है? 
नकली चीजों से सावधान, नकली चीजों पर लिखा रहता है। जैसे शराब की बोतलों और सिगारेट की पैकट पर ,"सेहत के लिए हानिकर!" लिखा रहता है।
फिल्मों में अच्छाई की नकल करनेवाले,असल जिंदगी में क्या होते हैं?
नकल का पेशा बड़ा गंदा है। नकल की चक्रव्युह में मानवता उलझी है।
नकल हटाओ,मानव बचाओं।यह नया नारा!
           
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