- ना.रा.खराद
कहते हैं, ब्रम्हांड का निर्माण इत्तेफाक से हुआ है, किसी को लगता है, इत्तेफाक के पीछे ईश्वरीय शक्ति है।
सच जो भी मगर जिंदगी इत्तेफाक से भरी है। इत्तेफाक का सिलसिला जन्म से पहले शुरू होता हैं,हर इत्तेफाक किसी इत्तेफाक से ही शुरू होता है। इत्तेफाक की एक लंबी फेहरिस्त बन जाती हैं। किसी भी शख्स से
पूछोगे तो वह यही कहेगा कि सब इत्तेफाक है।
इत्तेफाक एकाएक होते, कोई इत्तिला नहीं।बस,सीधे आते या होते हैं।छोटे इत्तेफाक भी बड़े
मायने रखते हैं। जिंदगी की राहों में किसी मोड़ पर कौन मिले ,क्या मिले भरोसा नहीं।कभी डूबते को तिनके का सहारा तो कभी तिनके से महल खाक होते हैं।
हम सबका अनजानी डगर का सफर है। इत्तेफाक से जैसे कुछ पाया जाता है,खोया भीजाता है। कुछ लोग इसे इत्तेफाक नहीं, कर्मफल मानते, कुछ नशीब। इत्तेफाक से आदमी कहीं से कहीं पहुंच जाता है।जीवन के सभी क्षेत्रों में इत्तेफाक का बोलबाला है। कोई माने या ना माने, जिंदगी इत्तेफाक है। इत्तेफाक इन्सान को कहीं का कहीं पहुंचा देता है, जैसे लहरें तिनके को बहा ले जाते हैं।सभी शादियां,प्रेम इत्तेफाकन होती है।पलभर पहले दो अनजाने एक जान हो जाते हैं मृत्यु की तरह जीवन इत्तेफाक है।किसको क्या मिले,कौन मिले कुछ पता नहीं ।
काश, यदि शब्द कोई मायने नहीं रखते।सभी योग्यताएं इत्तेफाक के आगे फीकी हैं।सभी घटनाएं इत्तेफाक से घटती है ।जीवन आश्चर्य और उत्सुकता से भरा है।वजह, इत्तेफाक।
ऐसा होता तो ऐसा होता ,यह तर्क बेकार के हैं। जिंदगी जहां ले जाती ,जाना पड़ता है ।एक छोटी-सी घटना कई घटनाओं को प्रभावित करती हैं। इत्तेफाक भी बड़े अजीब होते हैं।कोई खाक में मिलता है तो कोई खाक से उठता
है।
इत्तेफाक से आदमी तहस-नहस भी होता है और संवरता भी है। इत्तेफाक एक राज होते हैं,हम केवल उसके मूकदर्शक। इत्तेफाक से बाजी पलटी है, इत्तेफाक एक जुआं है। इत्तेफाक से सम्राट भी हारते हैं। इत्तेफाक से सरकारें बनती है,गिरती है। इत्तेफाक को कोई तकदीर कहता है। तकदीर दिखती नहीं, इत्तेफाक दिखता है।
दोस्ती और दुश्मनी इत्तेफाक से होती है।मिलन और जुदाई भी उससे होती है।अमीरी ग़रीबी भी इत्तेफाक से हैं। इत्तेफाक हरपल हमारे साथ है,कब वो कौनसा रंग दिखा दें भरोसा नहीं।
हम जो चाहते हैं,वह कभी नहीं होता, इत्तेफाक जो चाहता है ,वहीं होता है। इत्तेफाक से सफर में मिले हमसफ़र बन जाते हैं।हम बस इत्तेफाक निभाते हैं। इत्तेफाक से कोई टकरा नहीं सकता।
जो भी है,जैसा भी है, जहां भी है, इत्तेफाक से है,इसे अपनी कमाई न समझे क्योंकि इत्तेफाक कभी खत्म नहीं होता।